एक ही कुल का दीपक होता है बेटा,
दो-दो कुलों की चिराग होती हैं बेटियां।।
उपरोक्त पंक्तियां यह दर्शाती हैं कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता है, लेकिन इसके बावजूद हमारे समाज में आज भी कई जगहों पर बेटी का जन्म होने पर मातम छा जाता है। बेटी के जन्म लेते ही माता-पिता समेत पूरे परिवार को बेटी की परवरिश और विवाह के खर्च की चिंता सताने लगती है। इसके अलावा ‘बेटी पराया धन है’ समाज की इस मानसिकता के चलते आज भी कई परिवारों में बेटियों से ज्यादा बेटों को महत्व दिया जाता है। शुरुआत से ही कई परिवारों में बेटों को अच्छी शिक्षा और माहौल देने की कोशिश की जाती है, जबकि बेटी दूसरे घर ब्याहनी है, यह सोचकर कई माता-पिता और परिवार बेटियों के साथ आरंभ से ही अपेक्षित व्यवहार करते हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समाज की इसी संकीर्ण सोच को बदलने की दिशा में कार्य कर रही है। जिसके चलते योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से योगी सरकार बेटियों के जन्म से लेकर विवाह तक के सारे खर्चे उठाती है। इतना ही नहीं, इस योजना के अंतर्गत योगी सरकार बेटियों की शिक्षा के लिए भी रुपए देती है, ताकि बेटियां सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर परिवार और समाज का नाम रोशन कर सके।
योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2019 को हुई थी। वर्तमान में इस योजना के माध्यम से प्रदेश के अनेक परिवारों की बेटियों को फायदा पहुंच रहा है। योगी सरकार की इस योजना का लाभ उन परिवारों की अधिकतम दो बेटियों को मिल सकता है, जिनकी वार्षिक आय 3 लाख से कम है।
हाल ही में योगी सरकार ने कन्या सुमंगला योजना की देय राशि को 15000 से बढ़कर 25000 कर दिया है। जिसे सरकार द्वारा सुकन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत 6 चरणों में बेटियों के खातों में ट्रांसफर किया जाता है। उपरोक्त धनराशि कन्या के जन्म से लेकर विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश लेने तक सरकार द्वारा दी जाती है। इस योजना के माध्यम से सरकार पढ़ाई के अलावा विवाह के समय भी कन्या के माता-पिता को शादी का खर्च प्रदान करती है। कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों को सरकार द्वारा निर्धारित अवधि पर धनराशि प्रदान की जाती है। जैसे यदि किसी परिवार में बच्ची का जन्म 1 अप्रैल 2019 या उसके बाद हुआ हो, तब सरकार इस योजना के अंतर्गत बच्ची के खाते में 2000 रुपए की राशि डालती है। इसके अलावा जिन बच्चियों का 1 वर्ष के भीतर संपूर्ण टीकाकरण हो चुका हो और उनका जन्म 1 अप्रैल 2018 से पहले ना हुआ हो, तो उन लड़कियों के खाते में 1000 रुपए डाले जाते हैं। इसके बाद कक्षा एक में प्रवेश लेने पर 2000 रुपए, कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 2000 रुपए, कक्षा 9 में प्रवेश लेने पर 3000 रुपए और 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए 2000 रुपए और स्नातक कोर्स/डिप्लोमा में प्रवेश लेने पर 5000 रुपए की राशि दी जाती है। कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी जब 21 वर्ष की हो जाती है, तब सरकार उसके विवाह के लिए 51000 रुपए की अनुदान राशि प्रदान करती है। उपरोक्त धनराशि को अब योगी सरकार ने बढ़ा दिया है। कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत उन्हीं आवेदकों को धनराशि प्राप्त होती है, जिनके सारे दस्तावेज सही होते हैं, कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र अवश्य बनवा लें। इसके अलावा बच्ची के माता-पिता का आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, बिजली टेलीफोन बिल आदि दस्तावेज भी कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए आपको लगाने होंगे। उपरोक्त दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बच्चियों को कन्या सुमंगला योजना का फायदा प्राप्त होगा।
कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से योगी सरकार प्रदेश की बेटियों के सपनों को साकार कर रही है और उन्हें आगे बढ़ा रही है। गरीब और निर्धन घर की लड़कियों को आर्थिक सहायता देकर योगी सरकार ने बेहद अच्छा कार्य किया है। योगी सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है, जिनके माध्यम से प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को फायदा पहुंच रहा है। इन्हीं में से कन्या सुमंगला योजना भी एक है, जिसके माध्यम से गरीब परिवार की बेटियां अपने सारे सपने साकार कर पा रही हैं।